Commercial Bank in Hindi: बैंक क्या होता है ये तो आप जानते ही होंगें पर क्या आप जानते हैं कि बैंक भी अनेक प्रकार के होंते हैं और उनमें से आर्थिक संगठन को मजबूत बनाने के लिए व्यापारिक बैंक बहुत महत्वपूर्ण होते हैं.
पर क्या आप जानते हैं कि Commercial Bank Kya Hai (व्यापारिक बैंक क्या है), व्यापारिक बैंक कितने प्रकार के होते हैं, व्यापारिक बैंकों के प्रमुख कार्य क्या हैं, व्यापारिक बैंकों के फायदे और नुकसान क्या है और आपको कैसे पता चलेगा कि आपका अकाउंट किस प्रकार के व्यापारिक बैंक में है.
अगर आप इन सब सवालों का जवाब जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा अंत तक पढ़ें इसमें आपको व्यापारिक बैंकों के बारे में पूरी जानकारी दी है जो आपके लिए उपयोगी होगी.
व्यापारिक बैंक क्या है (What is Commercial Bank in Hindi)
व्यापारिक बैंक क्या है बताने से पहले आपको बता दे कि व्यापारिक बैंक को व्यवसायिक बैंक और वाणिज्य बैंक भी कहते हैं इसलिए आप कभी भी इन तीनों को अलग न समझें ये तीनों एक ही हैं.
व्यापारिक बैंक उन बैंकों को कहा जाता है जिनका मुख्य कार्य जनता के पैसों को सुरक्षित जमा करना और जरुरतमंद लोगों को उनकी आवश्यकतानुसार विभिन्न प्रकार के लोन प्रदान करवाना होता है. व्यापारिक बैंक लोगों के रूपये को जमा के रूप में स्वीकार करती है और जरुरत पड़ने पर उन्हें ऋण के रूप में उधार देती है.
व्यापारिक बैंक आधुनिक आर्थिक संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इस प्रकार के बैंकों को मुख्य रूप से लाभ कमाने के उद्देश्य से बनाया गया है. व्यापारिक बैंकों के कार्यों को RBI (Reserve Bank of India) के द्वारा नियंत्रित किया जाता है.
Commercial Bank का हिंदी अर्थ
Commercial Bank को हिंदी में व्यापारिक बैंक, व्यवसायिक बैंक या वाणिज्य बैंक भी कहा जाता है.
व्यापारिक बैंकों के प्रकार
व्यापारिक बैंक मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं – (Type of Commercial Bank in Hindi)
1 – Public Sector Bank (सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक)
Public Sector Bank भारत में इस प्रकार के सरकारी स्वामित्व वाले बैंक हैं जिनमें 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी भारत सरकार के वित्त मंत्रालय या विभिन्न राज्य सरकारों के वित्त मंत्रालयों के पास हैं.
भारत में मुख्य रूप से 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक हैं जिनमें भारत सरकार की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से ज्यादा की है. भारत में Public Sector Bank की List निम्न प्रकार से है –
भारत में Public Sector Bank की List
क्रम संख्या | सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के नाम | मुख्यालय | भारत सरकार की हिस्सेदारी (%में) |
---|---|---|---|
1 | स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) | मुंबई | 61 % |
2 | पंजाब नेशनल बैंक (PNB) | नयी दिल्ली | 85.59 % |
3 | इंडियन बैंक (IB) | चेन्नई | 88.06% |
4 | केनरा बैंक | बैंगलोर | 78.52% |
5 | यूनियन बैंक ऑफ इंडिया | मुंबई | 87.07% |
6 | यूको बैंक | कोलकाता | 94.39% |
7 | बैंक ऑफ इंडिया (BOI) | मुंबई | 89.10% |
8 | पंजाब एंड सिंध बैंक | नयी दिल्ली | 83.06 % |
9 | सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया | मुंबई | 92.39% |
10 | बैंक ऑफ बडोदा | गुजरात | 71.60% |
11 | बैंक ऑफ महाराष्ट्रा | पुणे | 92.49 % |
12 | इंडियन ओवरसीज बैंक | चेन्नई | 95.84% |
2 – Private Sector Bank (निजी क्षेत्र के बैंक)
Private Sector Bank इस प्रकार के बैंक होते हैं जिनमें अधिकांश हिस्सेदारी सरकार के पास न होकर बैंक के शेयर धारकों के पास होती है.
भारत में 21 Private Sector बैंक हैं जिनकी सूचि निम्न प्रकार से है –
भारत में Private Sector Bank की List
क्रम संख्या | बैंक का नाम | मुख्यालय |
---|---|---|
1 | HDFC बैंक | मुंबई |
2 | ICICI बैंक | मुंबई |
3 | एक्सिस बैंक | मुंबई |
4 | सिटी यूनियन बैंक | कुम्बाकोनम, तमिलनाडु |
5 | DBC बैंक | मुंबई |
6 | जम्मू और कश्मीर बैंक | श्रीनगर |
7 | बंधन बैंक | कोलकाता |
8 | IDBI बैंक | मुंबई |
9 | धनलक्ष्मी बैंक | थ्रिस्सुर, केरला |
10 | Induslnd बैंक | पुणे |
11 | YES बैंक | मुंबई |
12 | साउथ इंडियन बैंक | थ्रिस्सुर, केरला |
13 | नैनीताल बैंक | नैनीताल, उत्तराखंड |
14 | कोटक महिंद्रा बैंक | मुंबई |
15 | RBL बैंक | मुंबई |
16 | CSB बैंक | थ्रिस्सुर, केरला |
17 | फेडरल बैंक | अलुवा, कोच्ची |
18 | IDFC फर्स्ट बैंक | मुंबई |
19 | कर्णाटक बैंक | मंगुलुरु, कर्नाटक |
20 | करुर वयस्या बैंक | करुर तमिलनाडू |
21 | तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक | तूतीकोरिन, तमिलनाडु |
3 – Regional Rural Bank (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक)
Regional Rural Bank विभिन्न राज्यों में क्षेत्रीय स्तर पर संचालित होने वाले बैंक होते हैं. आप जिस भी राज्य में रहते हैं वहां कोई न कोई ग्रामीण बैंक जरुर होगा, इन्हें ही क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक कहते हैं. ये बैंक कमजोर वर्ग के लोगों की सुविधा के लिए स्थापित किये गए हैं.
भारत में कुल 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक हैं. जिनमें से कुछ प्रमुख ग्रामीण बैंक निम्न प्रकार से हैं –
भारत में Regional Rural Bank की List
- आंध्र प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक
- असम ग्रामीण बैंक
- उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक
- छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक
- जम्मू – कश्मीर ग्रामीण बैंक
- केरला ग्रामीण बैंक
- मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक
- केरला ग्रामीण बैंक
- नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक
इसी प्रकार से सभी राज्यों में ग्रामीण बैंक हैं.
4 – Foreign Bank (विदेशी बैंक)
Foreign Bank (विदेशी बैंक) वह होते है जिनका मुख्यालय देश से बाहर होता है विदेशी बैंक कहलाते हैं. विदेशी बैंकों को दोनों देशों के नियमों का पालन करना होता है. विदेशी बैंक स्थानीय बैंकिंग प्रणाली की दक्षता को बढ़ाते हैं जिससे कमजोर बैंको को भी मदद मिलती है.
अगर भारत की बात की जय तो अभी के समय में भारत में 46 विदेशी बैंक हैं. जिनमें से कुछ निम्न प्रकार से हैं –
भारत में विदेशी बैंकों की सूचि
- आबू – धाबी कमर्शियल बैंक लिमिटेड – UAE
- बैंक ऑफ अमेरिका – USA
- बैंक ऑफ बहरीन और कुवैत – बहरीन
- सोनाली बैंक लिमिटेड – बांग्लादेश
- ऑस्ट्रेलिया एंड न्यूज़ीलैण्ड बैंकिंग ग्रुप – ऑस्ट्रेलिया
- बैंक ऑफ चाइना – चीन
- DBS बैंक इंडिया लिमिटेड – सिंगापूर
व्यापारिक बैंकों के कार्य
व्यापारिक बैंकों के कार्यों को तीन भागों में बांटा जा सकता है –
- मुख्य कार्य
- गौण कार्य
- सामाजिक कार्य
व्यापारिक बैंकों के मुख्य कार्य
व्यापारिक बैंकों के मुख्य कार्य धन जमा करना और लोन देने का होता है. व्यापारिक बैंकों में लोग अपने धन को निम्न पांच अकाउंट में जमा कर सकते है –
- चालू जमा खाता (Current Deposit Account)
- बचत जमा खाता (Saving Deposit Account)
- सावधि जमा खाता (Fixed Deposit Account)
- आवर्ति जमा खाता (Recurring Deposit Account)
- घर सुरक्षित जमा खाता (Home Safe Deposit Account)
व्यापारिक बैंकों मुख्य रूप से Secured Loan और Unsecured Loan प्रदान करवाती है. व्यापारिक बैंकों से आप निम्न चार प्रकार से लोन ले सकते हैं –
- नकद जमा (Cash Credit) – इस प्रकार के लोन के अंतर्गत ग्राहक को एक निश्चित जमानत के आधार पर निश्चित जमाराशि निकालने का अधिकार होता है. इसमें ब्याज की दरें बहुत कम होती हैं.
- ओवर ड्राफ्ट (Over Draft) – जब जमाकर्ता बैंक से अपनी जमा पूंजी से ज्यादा पैसे निकालता है उसे ओवरड्राफ्ट कहते हैं. यह सुवुधा बैंक अपने भरोसेमंद ग्राहकों को ही देते हैं.
- ऋण तथा अग्रिम (Loan and Advance) – इस प्रकार के लोन में ग्राहकों के खाते में एक निश्चित रकम को जमा कर दिया जाता है. इसमें लोन स्वीकार करने के तुरंत बाद से ही ब्याज लगना शुरू हो जाता है.
- सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश (Investment in Government Security) – बैंक सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने के लिए भी लोन देती है. क्योकि सरकारी प्रतिभूतियों में जोखिम कम रहता है इसलिए बैंक उन्हें खरीदना अच्छा समझती है.
व्यापारिक बैंकों के गौण कार्य
व्यापारिक बैंकों के प्रमुख गौण कार्य निम्न हैं –
- व्यापारिक बैंक अपने ग्राहकों के Cheque, ब्याज आदि को Collect करता है और उसका भुगतान भी करता है.
- व्यापारिक बैंक अपने ग्रहों को लॉकर की सिविधा प्रदान करवाते हैं जिनमें वह अपने महत्वपूर्ण दस्तावेजों को रख सके.
- व्यापारिक बैंक विदेशी मुद्रा का विनिमय कर अंतराष्ट्रीय व्यापार को भी बढाती है.
- व्यापारिक बैंक अपने ग्राहकों को वित्तीय मामलों के सलाहों मे भी सुविधाएं देती है.
- व्यापारिक बैंक अपने ग्राहकों के लिए विभिन्न प्रकार की प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने का भी काम करती है.
व्यापारिक बैंक के सामाजिक कार्य
व्यापारिक बैंकों के सामाजिक कार्यों के अंतर्गत निम्न प्रकार के कार्य आते हैं.
- बैंक पूंजी निर्माण करने का कार्य कर रही है जिससे किसी भी देश के विकास में मदद मिलती है.
- व्यापारिक बैंक उचित ब्याज में लोन प्रदान करवाती है जिससे कि उनकी जरूरतें पूरी हो सके.
इन्हें भी पढ़े
- Loan क्या होता है और लोन कैसे ले?
- बैंक क्या है और बैंक के प्रकार
- डेबिट कार्ड क्या होता है?
- क्रेडिट कार्ड क्या होता है?
- Personal लोन क्या होता है?
- Home Loan क्या होता है?
- सुरक्षित और असुरक्षित लोन क्या है?
व्यापारिक बैंकों के फायदे
व्यापारिक बैंकों के निम्न फायदे हैं –
- बैंकों व्यवसायों को जरुरत पड़ने पर धन उपलब्ध करवाकर व्यसाय को सुचारू रूप से चलाने में सहायता प्रदान करते हैं.
- व्यापारिक बैंकों में जनता अपने धन को सुरक्षित जमा रख सकती है.
- बैंक हर जरूरतमंद इंसान को उसका वित्तीय विवरण देखकर लोन प्रदान करवाते हैं.
- बैंक लॉकर की सुविधा देते हैं जिससे बैंक के ग्राहक अपने कीमती वस्तुओं और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को बैंक के पास सुरक्षित रख सके.
- बैंक अपने ग्राहकों की गोपनीयता को बनाये रखता है.
व्यापारिक बैंकों के नुकसान
व्यापारिक बैंकों के निम्न नुकसान हैं –
- फण्ड अधिकतर कम समय अवधि के लिए प्रदान किया जाता है.
- लोन देने के मामले में बैंक वित्तीय संरचना, आय, कंपनी आदि की विस्तृत जांच करते हैं और लोन देने पर आपको कोई कीमती प्रोपर्टी गिरवी रख सकते हैं. जिससे लोन पप्राप्त करने की प्रक्रिया थोड़ी कठिन होती है.
- व्यापारिक बैंक अपनी सुविधा के बदले में गाहक से शुल्क लेते हैं.
- कुछ मामलों में ऋण देने की शर्ते बहुत कठिन होती हैं.
FAQ For Commercial Bank in Hindi
व्यापारिक बैंकों का मुख्य कार्य जनता के पैसों को सुरक्षित जमा करना और उन्हें लोन के रूप में देने का है.
भारत में 12 पब्लिक सेक्टर बैंक हैं.
भारत में 21 प्राइवेट सेक्टर के बैंक हैं.
भारत में 46 विदेशी बैंक हैं.
भारत में 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक हैं.
निष्कर्ष : Commercial Bank क्या है हिंदी में
इस लेख के माध्यम से हमने आपको व्यापारिक बैंकों की पूरी जानकारी दी हैं जिससे आप समझ गए होंगे कि व्यापारिक बैंक क्या है और आपका अकाउंट किस प्रकार के बैंक में हैं.
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