EMI Kya Hai In Hindi: हेलो दोस्तों स्वागत है आपका LoanKaise.com ब्लॉग के एक और नए आर्टिकल में जिसमें हम आपको ईएमआई क्या है, EMI कितने प्रकार की होती है, EMI की गणना कैसे करें, EMI के फायदे और नुकसान क्या है के बारे में कम्पलीट जानकारी देने वाले हैं.
जब भी आप लोन लेते है तो आपको लोन की चुकौती EMI के द्वारा करनी पड़ती है, या फिर कोई महँगी वस्तु खरीदने पर भी आपको EMI पेमेंट का ऑप्शन मिलता है. लेकिन कई सारे लोगों को EMI के बारे में जानकारी नहीं होती है.
दरसल यह भुगतान की एक ऐसी विधि है जिसमें आपको लोन चुकाने के लिए तय समय अवधि तक हर महीने निश्चित राशि का भुगतान ऋणदाता को करना होता है. EMI को अच्छे से समझने के लिए इस ब्लॉग पोस्ट को पूरा अंत तक पढ़ें. तो चलिए आपका अधिक समय ना लेते हुए शुरू करते हैं आज का यह आर्टिकल – ईएमआई क्या है पूरी जानकारी हिंदी में.
ईएमआई का फुल फॉर्म (EMI Full Form in Hindi)
EMI का फुल फॉर्म Equated Monthly Installment होता है जिसे कि हिंदी में “समान मासिक किश्त” कहा जाता है.
- E – Equated (समान)
- M – Monthly (मासिक)
- I – Installment (किश्त)
ईएमआई क्या है (What is EMI In Hindi)
Equated Monthly Installment यानि EMI एक मासिक भुगतान विधि है जिसमें आप लोन को चुकाने के लिए प्रत्येक महीने एक निश्चित राशि जमा करते हैं. EMI जमा करने के लिए उधारकर्ता की तरफ से आपको एक निर्धारित तारीख दी जाती है आपको हर महीने उसी तारीख पर EMI का भुगतान करना होता है.
जब भी आप बैंकों या वित्तीय संस्थाओं से घर, गाडी, प्रॉपर्टी, महंगे उपकरण आदि खरीदने या फिर अपने निजी खर्चे के लिए लोन लेते हैं तो आपको उस लोन को ब्याज के साथ चुकाना पड़ता है.
चूँकि लोन का अमाउंट बड़ा होता है जिसे कि एक साथ चुकाना संभव नहीं होता है, इसलिए लोन की राशि को चुकाने के लिए छोटी छोटी किश्ते बनाई जाती हैं जिसे कि आपको हर महीने निर्धारित तारीख पर जमा करना पड़ता है, इसे ही EMI कहते हैं. लोन में EMI का निर्धारण इस बात पर होता है कि लोन की राशि कितनी है और लोन कितने समय के लिए लिया गया है.
लोन के अलावा क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करने, महँगी चीज की खरीददारी करने आदि में भी EMI का ऑप्शन रहता है. EMI के द्वारा लोन की चुकौती करना आसान हो जाता है क्योंकि आपको हर महीने किश्तों में भुगतान करना होता है जिससे कि आपकी वित्तीय स्थिति पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है.
No Cost EMI का मतलब क्या है?
No Cost EMI का मतलब होता है “कोई भी ब्याज न होने वाली आसान महीने की किश्त”. यदि कोई व्यक्ति कोई प्रोडक्ट या सेवा खरीदना चाहता है तो वह इसके लिए एक ईएमआई ऑफ़र का लाभ ले सकता है. इसमें वह प्रोडक्ट या सेवा की कीमत को आसान महीने की किश्तों में भुगतान करता है और कोई ब्याज या अतिरिक्त शुल्क नहीं देता है.
ईएमआई काम कैसे करती है (How Does EMI Works In Hindi)
EMI का मतलब तो हम जान चुके हैं, लेकिन आइए अब जानें कि यह कैसे काम करता है. जब भी कोई व्यक्ति बैंक या किसी वित्तीय संस्थान से लोन लेता है तो उसे तय समय अवधि तक प्रतिमाह एक निश्चित राशि का भुगतान करना होता है.
उधारकर्ता द्वारा लिए गए लोन और उसे लोन चुकौती के लिए मिले समय अवधि के आधार पर लोन को छोटे-छोटे भागों में बाँट दिया जाता है, जिससे कि उधारकर्ता धीरे-धीरे लोन की चुकौती कर सकता है.
उधारकर्ताओं को EMI से फायदा मिलता है क्योंकि उनको मालूम होता है कि उन्हें हर महीने अपने लोन के लिए कितना पैसा चुकाना होगा, जिससे व्यक्तिगत वित्तीय योजना बनाना आसान हो जाता है. तथा ऋणदाताओं को लोन पर मिलने वाले ब्याज से लाभ होता है.
ईएमआई कितने प्रकार की होती है (Types of EMI in Hindi)
अगर आप लोन लेने का विचार कर रहे हैं या खरीददारी में EMI Payment Option के बारे में सोच रहे हैं तो आपको EMI के प्रकारों के बारे में भी जानना चाहिए, क्योंकि अगर आपको अलग अलग प्रकार के EMI ऑप्शन को चुनने का विकल्प मिलेगा तो आपके मन में कुछ डाउट नहीं होंगें.
EMI मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है, आइये जानते हैं EMI के तीनों प्रकारों के बारे में.
#1. Arrears EMI (बाकाय ईएमआई)
Arrears EMI जिसे कि standard EMI भी कहते हैं, इस प्रकार के EMI में उधारकर्ता प्रत्येक महीने एक निश्चित लोन अवधि में ऋणदाता को लोन का पूरा भुगतान करता है. Arrears EMI में ऋणदाता प्रोसेसिंग फीस काटने के बाद लोन की पूरी राशि को उधारकर्ता के बैंक अकाउंट में ट्रान्सफर कर देता है. इसमें ऋणदाता किसी भी प्रकार के एडवांस EMI की कटौती नहीं करता है.
अगर आपके पास घर, प्रॉपर्टी, कार या महंगे गैजेट खरीदने के लिए पर्याप्त डाउन पेमेंट नहीं है तो Arrears EMI का विकल्प आपके लिए अच्छा साबित हो सकता है.
#2. Advance EMI (अग्रिम ईएमआई)
Advance EMI ऐसे EMI को कहते हैं जिसमें ऋणदाता को EMI का भुगतान एडवांस में किया जाता है. इस प्रकार की EMI में ऋणदाता लोन की राशि को प्रोसेसिंग फीस और पहली EMI काटने के बाद उधारकर्ता के बैंक अकाउंट में वितरित करता है.
Advance EMI में पहली EMI में कोई भी ब्याज शामिल नहीं होता है, इसमें EMI में केवल मूलराशि कटती है. दूसरे EMI भुगतान के बाद से, EMI भुगतान में मूल राशि और ब्याज राशि दोनों शामिल होंगे. एक Advance EMI भुगतान विकल्प शेष EMI भुगतानों के लिए मूल लोन राशि को कम करने में मदद करता है.
#3. No Cost EMI (नो कॉस्ट ईएमआई)
No Cost EMI ऐसी EMI होती है जिसमें उधारकर्ता को लोन की राशि पर कुछ भी ब्याज नहीं चुकाना पड़ता है. No Cost EMI में उधारकर्ता को केवल मूलधन ही वापस चुकाना पड़ता है. उदाहरण के लिए आपने No Cost EMI पर 50 हजार रूपये का लोन लिया है तो आपको केवल 50 हजार रूपये ही वापस चुकाने पड़ेंगें. इसमें कोई ब्याज नहीं देना पड़ता है.
No Cost EMI का ऑप्शन आपको बैंकों से लोन लेने पर नहीं मिलता है, आमतौर शॉपिंग करने पर आपके पास No Cost EMI भुगतान विकल्प को चुनने का अवसर होता है.
ईएमआई की गणना कैसे की जाती है (How to Calculate EMI In Hindi)
EMI की गणना निम्नलिखित गणतीय सूत्र के द्वारा की जाती है.
- EMI = P x R x (1+R)N / [(1+R)N-1]
इस सूत्र में,
- P (Principle Amount) – आपके द्वारा ली गयी लोन की राशि
- R (Rate of Interest) – लोन पर लगने वाला ब्याज (इसकी गणना मासिक आधार पर होती है)
- N (Time Period) – जितने समय अवधि के लिए आपने लोन लिया है.
आप अपने द्वारा लिए गए लोन, ब्याज और चुकौती के लिए मिले समय को उपरोक्त सूत्र के द्वारा हल करके अपने EMI की गणना कर सकते हैं. चलिए एक उदाहरण के द्वारा इसे समझते हैं.
माना मोहन ने SBI बैंक से 10 लाख रूपये का लोन 12 प्रतिशत सालाना ब्याज दर पर 10 वर्षों के लिए लिया है, तो अब हम मोहन की EMI को उपरोक्त सूत्र से calculate करेंगें.
- EMI = 10,00,000 x 0.01 x (1+0.01)10/ [(1+0.01)10 -1] = 14,347
इसका मतलब है कि मोहन को 14,347 रूपये की EMI 10 सालों तक हर महीने देनी होगी. यदि आप इस सवाल को हल करने से बचना चाहते हैं तो आप EMI Calculator के द्वारा भी आसानी से EMI की गणना कर सकते हैं.
EMI Calculator क्या होता है?
EMI Calculator ऐसे ऑनलाइन टूल को कहा जाता है जिनके द्वारा आप आसानी से EMI को गणना कर सकते हैं. किसी भी तरह की EMI की कैलकुलेशन EMI कैलकुलेटर के जरिए की जा सकती है.
Emicalculator.net एक बेहतरीन टूल है जो ऑनलाइन EMI Calculate की सुविधा देता है. इस टूल के द्वारा आप अपनी EMI की गणना खुद से कर सकते हैं. इसमें आपको केवल 2 से 3 मिनट का समय लगेगा. आइए देखते हैं कि EMI निर्धारित होने किन कारकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है-
- लोन राशि – EMI में के लिए यह मूल है. मंथली EMI अधिक होगी या कम यह लोन की रकम पर ही निर्भर होता है.
- लोन चुकाने का समय – यह वह समय अवधि होती है जिसके अंतर्गत आपको पूरा लोन चुकाना होता है. अगर लोन चुकाने का समय अधिक होगा तो मंथली EMI कम होगी और लोन चुकाने का समय कम होगा तो मंथली EMI अधिक होगा.
- ब्याज दर – ब्याज दर वह दर होती है जो लोन की रकम पर लगती है. जब बैंक या फाइनेंसियल कंपनी किसी को लोन देती है तो लोन पर ब्याज लेती है. ब्याज दर की राशि कंपनी और बैंक के नियमों के अनुसार बदलती रहती है.
Emicalculator.net टूल में आप इन तीनों को सेलेक्ट करके अपनी EMI का पता कर सकते है.
ईएमआई के फायदे (Advantage of EMI In Hindi)
EMI के फायदे निम्नलिखित हैं –
- EMI के द्वारा लोन चुकाना आसान हो जाता है.
- EMI के द्वारा भुगतान करने पर आपकी आर्थिक स्थिति ख़राब नहीं होती है.
- आप महँगी से महँगी वस्तुओं को खरीद सकते हैं, भले ही उस समय आपके पास खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे ना हो.
- EMI से भुगतान करने पर आपका क्रेडिट स्कोर improve होता है.
- चूँकि आपको अपनी EMI पहले से ही पता रहती है इसलिए आप अपने खर्चे और निवेश की योजना को बना सकते हैं.
- EMI से भुगतान करने पर आप अपने खर्चों को व्यवस्थित कर सकते हैं.
ईएमआई के नुकसान (Disadvantage of EMI In Hindi)
EMI के कुछ नुकसानों के बारे में नीचे बताया गया है –
- आप लंबे समय तक कर्ज में रहते हैं.
- समय पर EMI ना चुकाने पर आपका क्रेडिट स्कोर ख़राब होता है.
- आपको मूल राशि से अधिक भुगतान करना होता है क्योंकि EMI भुगतान में ब्याज भी देना होता है.
- EMI भुगतान विकल्प चुनने पर आपको प्रोसेसिंग फीस भी देनी होती है.
- सुरक्षित लोन में अगर EMI का भुगतान करने में कोई चूक हो जाती है तो आपकी गिरवी रखी वस्तु ऋणदाता के अधीन हो जाती है.
FAQs: EMI Kya Hai In Hindi
EMI की गणना P x R x (1+R)N / [(1+R)N-1] इस गणतीय सूत्र के द्वारा की जाती है.
अगर आप समय पर EMI का भुगतान नहीं करते हैं तो इससे आपका क्रेडिट स्कोर खराब होता है. यदि उधारकर्ता एक बार EMI का भुगतान नहीं करता है तो बैंक उधारकर्ता को डिफॉल्टर नहीं मानते हैं. लेकिन यदि उधारकर्ता लगातार तीन महीनों तक EMI का भुगतान नहीं करता है तो बैंक उधारकर्ता को रिमाइंडर भेजते हैं, और रिमाइंडर का जवाब ना देने पर बैंक उधारकर्ता पर कानूनी कारवाही कर सकते हैं.
EMI एक पेमेंट ऑप्शन होता है जिसमें आप लोन की राशि को एक निश्चित समय अवधि तक हर महीने आसान किश्त के रूप में चुकाते हैं.
EMI का फुल फॉर्म Equated Monthly Installment होता है जिसका हिंदी मतलब समान मासिक भुगतान होता है.
EMI 3 प्रकार की होती है – Arrears EMI, Advance EMI और No Cost EMI.
ऐसी EMI जिसमें आपको किसी प्रकार का ब्याज नहीं चुकाना पड़ता है उसे नो कॉस्ट ईएमआई कहते हैं.
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निष्कर्ष – ईएमआई होता है हिंदी में
तो दोस्तों यह थी EMI के बारे में कम्पलीट जानकारी. हमने इस लेख में आपको ईएमआई क्या है, EMI के प्रकार तथा EMI की गणना कैसे करें के बारे में पूरी जानकारी दी है. इस लेख को पढने के बाद आप EMI को अच्छे से समझ गए होंगें, यदि अभी भी आपके मन में EMI से सम्बंधित कोई डाउट हैं तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं. साथ ही अगर यह आर्टिकल आपके लिए फायदेमंद रहा तो इसे सोचुँल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ भी जरुर शेयर करें.