लोन क्या है और लोन कैसे ले – लोन चाहिए अर्जेंट जानिए आसान तरीका

Loan Kya Hai In Hindi: आप लोगों ने कभी न कभी किसी के मुंह से सुना होगा कि मैंने फलाने बैंक से इतना कर्ज लिया है, मुझे होम लोन लेना है, लोन चाहिए अर्जेंट या किसी Telemarketing कंपनी के कॉल में सुना होगा कि लोन लीजिये न सर, सर अगर आपको लोन चाहिए तो हमसे लें. लोन से जुडी इस प्रकार की बाते तो आपने जरुर सुनी होगी.

पर क्या आप जानते हैं कि आखिर Loan क्या है, लोन कितने प्रकार का होता है, लोन कैसे लें, लोन लेने के फायदे और नुकसान क्या हैं और लोग Loan क्यों लेते हैं.

इस प्रकार की तमाम सारी बातें आपके दिमाग में जरुर आती होंगी लोन को सुनकर. अगर आप वाकई में लोन के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा अंत तक पढ़ें, इसमें आपको लोन से जुडी बहुत सारी उपयोगी जानकारी मिलने वाली है. तो आइये शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं कि लोन क्या होता है.

लोन क्या है (What is Loan in Hindi)

अगर हम भारत जैसे देश की बात करें जहाँ पर अधिकतर लोग मध्य वर्गीय परिवार से सम्बन्ध रखते हैं तो उनके लिए किसी भी काम को करने के लिए, जैसे घर बनाना, बच्चों की पढाई, कार लेना या सोना खरीदना आदि, इतना पैसा नहीं होता है, या कहें तो इतना बैंक बैलेंस नहीं होता है जिसे वह एक बार में ही लगा सके. तो इन परिस्थितयों में उधार लेते है.

लोन क्या है और लोन कैसे ले (What is Loan in Hindi)

पैसे लेने के लिए लोगों को बैंक के पास जाना पड़ता है उधार लेने के लिए ताकि वे अपने कामों को पूरा कर सकें. बैंक से पैसे उधार लेने को ही लोन (ऋण) लेना कहते हैं.

लोन ली गयी राशि को लोग अपने महीने की कमाई के अनुसार चुकाते हैं. लोन देते समय लोन ली गयी राशि से अतिरिक पैसे चुकाने पड़ते हैं. इन अतिरिक्त पैसों को ब्याज कहा जाता है.

संपेक्ष में कहें तो जब कोई व्यक्ति विशेष अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक से उधार लेता है जिसे बाद में ब्याज के साथ चुकाना पड़ता है उसे ही लोन (कर्ज या ऋण) कहते हैं.

लोन की परिभाषा (Definition of Loan in Hindi)

जब कोई व्यक्ति किसी चीज को खरीदने के लिए, व्यापार को बढ़ाने के लिए या अपने किसी भी निजी काम को पूरा करने के लिए बैंक  या किसी वित्तीय संस्थानों से कर्जा लेता है और बाद में लिए गए कर्ज को ब्याज के साथ तय समय के अन्दर बैंक  या किसी वित्तीय संस्थान को वापस करता है तो इसे ही लोन कहा जाता है.

सुरक्षित और असुरक्षित लोन क्या होता है

लोन के बारे में आगे जानते से पहले यह जान लेना बहुत ही आवश्यक है कि सुरक्षित और असुरक्षित लोन क्या होता है, क्योकि लोन लेने से पहले इस बारे में जानकारी आवश्यक है.

सुरक्षित ऋण (Secured Loan) क्या होता है?

सुरक्षित लोन (Secured Loan) उस लोन को कहा जाता है जो किसी Asset के द्वारा Protected होते हैं. खरीदी गयी वस्तु, जैसे कि घर या कार को Collateral के रूप में उपयोग किया जा सकता है. ऋणदाता उस वस्तु को तब तक अपने अधीन में रखेगा जब तक कि आप लोन लिया गया पूरा पैसा ब्याज सहित न चुका दें.

सुरक्षित लोन बड़ी मात्रा में धन उधार लेने का सबसे आम तरीका है. सुरक्षित लोन का सीधा सा मतलब है कि आप ऋणदाता को सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं कि आपका लोन चुका दिया जाएगा.

लेकिन अगर आप लोन नहीं चूका पाते हैं तो ऋणदाता आपकी Collateral की गयी वस्तु को ऋण का भुगतान करने के लिए बेच सकता है.

जैसे कि आप Home Loan या Car Loan le रहे हैं तो आपकी Property बैंक के अधीन रहेगी जब तक कि आप लोन ली गयी राशि को न चूका दो.

Home Loan, Car Loan, Gold Loan आदि सुरक्षित लोन के अंतर्गत आते हैं.

असुरक्षित ऋण (Unsecured Loan) क्या होता है

असुरक्षित लोन (Unsecured Loan) उस लोन को कहा जाता है जब आपको लोन लेने के बदले किसी भी Security की जरुरत नहीं होती है. असुरक्षित लोन को आप बिना किसी Collateral के लिए ले सकते हैं.

असुरक्षित लोन देना ऋणदाताओं के लिए एक जोखिम भरा काम है क्योकि इसमें लोन न चुकाने पर वसूली के लिए कोई भी सम्पति नहीं होती है.

इसे आमतौर पर जरूरतों को पूरा करने के लिए लिया जाता है. इस प्रकार के लोन में ब्याज की दरें अधिक होती हैं इसलिए असुरक्षित लोन को सोच समझ कर ही लेना चाहिए.

Credit Card Loan, Personal Loan, Education Loan आदि असुरक्षित लोन के अंतर्गत आते हैं.

लोन के प्रकार (Type of Loan in Hindi)

लोन अनेक प्रकार के हो सकते हैं जिन्हें लोग लेते हैं. लोन के कुछ प्रमुख प्रकारों के बारे में जानते हैं जिन्हें लोग अधिकतर लेते हैं –

  1. Personal Loan (असुरक्षित ऋण)
  2. Home Loan (सुरक्षित ऋण)
  3. Car Loan (सुरक्षित ऋण)
  4. Education Loan (असुरक्षित ऋण)
  5. Business Loan (सुरक्षित ऋण)
  6. Gold Loan (सुरक्षित ऋण)
  7. Corporate Loan (सुरक्षित ऋण)

अब इन सब के बारे में एक – एक कर जानते हैं.

1 – Personal Loan (व्यक्तिगत ऋण)

जब कोई व्यक्ति अपने किसी निजी काम को पूरा करने के लिए बैंक या नॉन – बैंकिंग वित्तीय संस्थान से कर्ज लेता है तो उसे पर्सनल लोन कहा जाता है.

पर्सनल लोन तब लिए जाते हैं जब अचानक से कुछ अप्रत्याशित खर्चे बढ़ जाते हैं. जैसे कि शादी – विवाह के मौकों पर, कही घुमने जाने पर, कोई सामान लेने पर.

अधिकतर बैंक अपने ग्राहकों को पर्सनल लोन की सुविधा प्रदान करवाते हैं, इसलिए आप आसानी से पर्सनल लोन को ले सकते हैं.

चूँकि पर्सनल लोन एक असुरक्षित लोन है इसलिए इसमें ब्याज की दरें अधिक होती है.

2 – Home Loan (गृह ऋण)

जब कोई व्यक्ति अपना घर बनाने के लिए बैंक से कर्जा (ऋण) लेता है तो उसे होम लोन कहते हैं.

 भारत में बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो अच्छी नौकरी करते हैं और अच्छा पैसा भी कमाते हैं. लेकिन वे तब भी इतने सक्षम नहीं होते हैं कि खुद के लिए एक घर बना सके.

ऐसी परिस्थितियों में उन्हें बैंक के पास जाना पड़ता है, बैंक अपने जरूरतमंद ग्राहकों को मासिक क़िस्त के आधार पर लोन Approve कर देती है.

होम लोन की राशि बहुत अधिक होती है और इसे ब्याज सहित चुकाने के लिए समय भी लंबा रखा जाता है. होम लोन सुरक्षित लोन के अंतर्गत आता है.

3 – Car Loan (कार ऋण)

जब कोई वयक्ति गाडी खरीदने के लिए बैंक से लोन लेता है तो उसे कार लोन कहते हैं.

घर लेने के बाद लोगों की दूसरी जरुरत होती है खुद की एक गाडी लेना जिसमें वह अपने परिवार के साथ इधर – उधर घूम सके. आप बैंक से कार लोन लेकर अपनी एक कार खरीद सकते हैं और अपने परिवार के साथ घुमने का आनंद ले सकते है.

4 – Education Loan (शिक्षा ऋण)

ऐसा लोन जिसे कोई छात्र या छात्र के माता – पिता अपने बच्चे को किसी विशेष कोर्स करवाने के लिए बैंक से लेते हैं उसे Education लोन कहा जाता है.

सभी माता – पिता चाहते हैं कि उनका बेटा बड़ा होकर डॉक्टर, इंजिनियर या कोई बड़ा अधिकारी बने, लेकिन जब बच्चे 12 वीं पास कर लेते हैं तो माता पिता के पास पर्याप्त पैसे नहीं होते हैं जिससे वह अपने बच्चे को कोई कोर्स करवा सके, इस स्थिति में उन्हें बैंक के पास जाना पड़ता है Education लोन लेने के लिए.

लगभग सभी बैंक अपने ग्राहकों को आसानी से Education लोन उपलब्ध करवा देते हैं. जब बच्चा कोर्स को पूरा करके नौकरी लग जाता है तो उसे Education लोन चुकाना पड़ता है.

Education लोन लेने के लिए एक गारेंटर की जरुरत पड़ती है, गारेंटर बच्चे के माता – पिता या रिश्तेदार हो सकते हैं जिनका उस बैंक में पहले से ही अकाउंट हो जहाँ से बच्चा लोन ले रहा है.

5 – Business Loan (व्यापार ऋण)

जब कोई वयस्क अपना कारोबार शुरू करने के लिए या अपने कारोबार को सुचारू रूप से चलाने के लिए बैंक से लोन लेता है तो उसे बिज़नस लोन कहा जाता है.

कोई भी बिज़नस शुरू करने के लिए या अपने बिज़नस को अच्छे तरह से चलाने के लिए पैसों की जरुरत पड़ती है तो ऐसे में आपको बैंक से बिज़नस लोन लेना पड़ता है.

भारत सरकार ने अनेक प्रकार की स्कीम की शुरुवात की है जिसमें जरूरतमंद लोगों को अपना कारोबार शुरू करने और चलाने के लिए लोन दिया जाता है जैसे कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना.

सरकार की तरफ से आप अपना कारोबार शुरू करने के लिए 50 हजार से लेकर 10 लाख रूपये तक का लोन ले सकते हैं.

6 – Gold Loan (स्वर्ण ऋण)

जब कोई व्यक्ति विशेष अपने सोने के आभूषणों को गिरवी रखकर बैंक या किसी वित्तीय संस्थान से पैसे कर्ज लेता है तो उसे गोल्ड लोन कहा जाता है.

भारत में सोने के आभूषणों का प्रचलन बहुत अधिक है, किसी खास मौके, शादी – विवाहों या किसी भी प्रकार की पार्टी में लोग सोने के बने आभूषणों को पहनकर जाते हैं. सोने की कीमत बहुत महंगी होती है, इस प्रकार से सोना आपकी एक प्रोपर्टी है.

अगर आपको अपने किसी विशेष काम को करने के लिए पैसों की आवश्यकता है तो आप गोल्ड लोन भी ले सकते हैं. आप अपने आभूषणों को बैंक में Collateral के रूप में रख सकते हैं और लोन प्राप्त कर सकते हैं.

जब आप लोन ली गयी राशि को ब्याज सहित चूका देते हैं तो आपको आपके आभूषण भी वापस कर दिए जाते हैं. गोल्ड लोन आसानी से मिल जाता है.

7 – Corporate Loan (कॉर्पोरेट ऋण)

जब बैंक किसी बड़े उद्योगपतियों जैसे टाटा, बिरला, अम्बानी, अदानी आदि को लोन देता है तो उसे कॉर्पोरेट लोन कहते हैं.

Time Period के आधार पर लोन के प्रकार

समय अवधि के आधार पर लोन मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं जिन्हें Term Loan भी कहा जाता है –

  • Short Term Loan –  जिसमें पैसे लौटाने का समय 1 साल से कम होता है उसे Short Term Loan कहते हैं.
  • Medium Term Loan – ऐसा लोन जिसमें पैसे लौटाने का समय 1 साल से 3 साल तक का होता है उसे Medium Term Loan कहते हैं.
  • Long Term Loan – ऐसा लोन जिसमें पैसे लौटाने का समय 3 साल से अधिक का होता है उसे Long Term Loan कहा जाता है.

लोन के भाग (Part of Loan in Hindi)

किसी भी लोन के मुख रूप से तीन भाग होते हैं –

  • Principal Amount (प्रधान राशि)
  • Rate of Interest (ब्याज की दरें)
  • Time Duration (समय अवधि)

बैंक या किसी वित्तीय संस्थान से लोन लेते समय जितनी भी राशि ली जाती है उसे Principal  Amount कहते हैं.

Rate of Interest या ब्याज की दर वह राशि होती है जिसे लिए गए लोन के साथ जोड़कर वापस देना होता है.

प्रत्येक लोन का एक निर्धारित समय होता है जिसके अंतर्गत आपको वह लोन चुकाना पड़ता है इसे ही Time Duration कहते हैं.

लोन कैसे लें आसान तरीका (Take Loan in Hindi)

लोन चाहिए अर्जेंट तो आप Online और Offline दोनों प्रकार से ले सकते हैं.

ऑनलाइन में आपके पास बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं जहाँ से आप लोन प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कि ऑनलाइन एप्लीकेशन, बैंकों की एप्लीकेशन आदि.

आप ऑफलाइन बैंक में जाकर लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं, इसके लिए आपको बैंक Manager से बात करनी होगी और बैंक की शर्तों को पूरा करना होगा.

लोन लेने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का आंकलन जरुर कर लें क्योकि लोन को ब्याज सहित चुकाना पड़ता है जब आपकी वित्तीय स्थित सही हो और लोन वापस करने में सक्षम हो तो ही आप लोन के लिए अप्लाई करें.

लोन लेने के कारण

कोई व्यक्ति अनेक कारणों से लोन ले सकता है जैसे कि –

  • अपने सपनों को पूरा करने के लिए
  • घर खरीदने के लिए
  • अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए
  • अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए
  • अपना कारोबार शुरू करने के लिए
  • किसी विशेष काम को पूरा करने के लिए

इसी प्रकार के अनेक कारण हो सकते हैं जिनके चलते कोई व्यक्ति लोन लेता है.

लोन लेने के फायदे (Advantage of Loan)

लोन लेने के निम्न फायदे होते हैं –  

  • लोन लेने से आपको अपने जरुरत के अनुसार अमाउंट प्राप्त हो जाता है.
  • आप अपनी जरूरतों को समय रहते पूरा कर सकते हैं.
  • सभी प्रकार के लोन आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं, अधिकतर Apply करने के 48 से 72 घंटों के अन्दर.
  • Income Tax Act 1961 के अनुसार आपको सभी प्रकार के लोन में Tax Benefits मिलता है.
  • जब भी आप लोन लेने जाते हैं तो आप चुन सकते हैं कि आप कितने समय के अन्दर लोन ली गयी राशि को चुका सकते हैं.

लोन लेने के नुकसान (Disadvantage of Loan)

कहने को लोन जरूरत के समय बहुत उपयोगी होता है लेकिन अगर आप लोन वापस करने में समर्थ नहीं हैं तो आप लोन से जितनी दूरी बनायेंगे वह आपके लिए बेहतर होगा, क्योंकि लोन न दे पाने के बहुत सारे नुकसान भी हैं जैसे कि –

  • बड़े लोन को लेने में कुछ Terms and Condition होते हैं जिन्हें आपको फॉलो करना पड़ता है.
  • लोन में आप ब्याज के रूप में उस राशि का भी भुगतान करते हैं जिसे आपने कभी उपयोग ही नहीं किया.
  • सुरक्षित लोन में लोन न चूका पाने तक आपकी प्रोपर्टी का पूरा कब्ज़ा आपका नहीं होता है.
  • सुरक्षित लोन न चूका पाने पर आपकी सम्पति जोखिम में पड़ सकती है.
  • पर्सनल लोन लेने में आपको अधिक ब्याज चुकाना पड़ता है.
  • तय समय के अन्दर लोन न चुका पाने पर आपको फाइन भी देना पड़ता है.

लोन से जुड़े कुछ जरुरी शब्द

  • Down Payment – Down Payment वह राशि होती है या कहें तो यह लोन एप्लीकेशन का शेयर होता है जो लोन लेने वाले के पास उपलब्ध रहती है उस राशि की तरफ जिसके लिए वह लोन के लिए अप्लाई करता है. जैसे आपको घर बनाने के लिए 20 लाख रूपये की जरुरत है और 5 लाख आपके पास उपलब्ध हैं तथा 15 लाख का आपने बैंक से लोन लिया है. तो यह 5 लाख जो आपके पास हैं उसे Down Payment कहते हैं.
  • Tenure – Tenure उस समय सीमा को कहा जाता है जो लोन को चुकाने के लिए दिया जाता है. जैसे आप कोई लोन लेते हो जिसे आपको 2 सालों में चुकाना है तो 2 साल Tenure कहलायेगा.
  • Interest – Interest को ब्याज कहते हैं. यह वह राशि होती है जिसे लोन के साथ जोड़कर वापस करना होता है.
  • Credit Score – यह एक प्रकार का बैंक रिकॉर्ड होता है जो आपके द्वारा किये गए निवेश या पहले लिए गए लोन को वापस करने के रिकॉर्ड को दर्शाता है. Credit Score के आधार पर ही बैंक लोन देता है.

इन्हें भी पढ़े 

FAQs: Loan in Hindi

पर्सनल लोन का मतलब क्या होता है?

पर्सनल लोन का मतलब होता है ऐसा लोन जिसे कोई व्यक्ति अपने किसी भी निजी काम को पूरा करने के लिए लेता है.

लॉन्ग टर्म लोन क्या होता है?

ऐसा लोन जिसमें आपको पैसे लौटने के लिए 5 साल या इससे अधिक का समय दिया जाता है तो उसे लॉन्ग टर्म लोन कहते हैं.

सुरक्षित ऋण क्या होता है?

ऐसा ऋण जिसे लेते समय आप अपनी कोई वस्तु ऋणदाता के अधीन रखते हैं तो उसे सुरक्षित ऋण कहा जाता है. जब आप लिया गया ऋण ब्याज सहित चूका देंगे तो आपकी वस्तु वापस आपके कब्जे में हो जाती है.

असुरक्षित ऋण क्या होता है?

ऐसा ऋण जिसे लेते समय किसी भी प्रकार की कोई Security या Collateral की जरुरत नहीं होती है तो उसे असुरक्षित ऋण कहा जाता है.

निष्कर्ष –  लोन क्या है और लोन लेने का आसान तरीका

तो दोस्तों इस लेख के माध्यम से हमने आपको Loan Kya Hai के विषय में पूरी जानकारी दी है जिसे पढने के बाद आपको बहुत कुछ सीखने को मिला होगा. अगर आप लोन और बैंक के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे ब्लॉग में आते रहिये हम हर दिन कुछ नयी जानकारी आपके लिए लेकर आते रहते हैं.

उम्मीद करते हैं आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख What is Loan In Hindi जरुर पसंद आया होगा इसे लेख को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर भी जरुर शेयर करें.

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम रणजीतसिंह है और मै एक प्रोफेशनल ब्लॉगर और एक Youtuber हूँ. LoanKaise.com ब्लॉग पर हम आपको विभिन्न प्रकार के लोन विकल्पों के बारें में विस्तार से बताते है. इस ब्लॉग पर हम किसी भी प्रकार का लोन नहीं देते, बस लोन सम्बंधित सही जानकारी आपके साथ शेयर करते है. ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद!

4 thoughts on “लोन क्या है और लोन कैसे ले – लोन चाहिए अर्जेंट जानिए आसान तरीका”

  1. बहुत ही अच्छा आर्टिकल लिखा है सर आपने,आपके आर्टिलक पढ़ कर हमें भी काफी कुछ जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिला।इसके लिए आपका आभार!
    bharattalk.in

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